अमरुद का वृक्ष
अमरुद सम्पूर्ण भारत में पाए जानेवाला एक फलदार वृक्ष है। इसके फलों के अधिकता के कारण गरीबों का फल भी कहा जाता है। अमरुद में विटामिन ए,बी,सी अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसमें लोहा,चूना,फास्फोरस आदि पाए जाते हैं। वास्तव में अमरुद औषधीय गुणों से युक्त अत्यंत विख्यात वृक्ष है। वैज्ञानिक नाम ” सीडियम ग्यायवा ” है। इसे कई नामों से जाना जाता है ,जैसे संस्कृत में अमृतफल,दृढबीजम,मृदुफलम, हिंदी में जामफल ,अमरुद ,तेलगू में जमाकया ,मराठी में जम्बा,गुजरती में जमरुख आदि। वास्तव में अमरुद एक मीठे फल के साथ – साथ एक औषधीय गुणों से युक्त अत्यंत महत्त्वपूर्ण वृक्ष है ,जिसे आयुर्वेद में एक उत्तम स्थान प्राप्त है।
अमरुद के औषधीय गुण एवं प्रयोग
(1) अमरुद के पत्तों को चबाने से या काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दाँतों के दर्द एवं कीड़े मर जाते हैं।
(2) आधा पके कच्चे अमरुद को आधा कर सेंधा नमक लगाकर भूनकर सेवन करने से पाचन ठीक होना,भूख न लगना,खांसी,लिवर ,आँतों के विकार आदि ठीक हो जाते हैं।
(3) खाने से पहले अमरुद के सेवन से कब्ज दूर हो जाते हैं
(4) अमरुद के पत्तों का काढ़ा पीने से मस्तिष्क विकार एवं किडनी की जलन ठीक हो जाती है।
(5) अमरुद की कोमल पत्तियों को चबाकर निगलने या थूकने से मुंह की दुर्गन्ध,मसूड़े की समस्या,मुंह में छाले आदि की समस्या दूर हो जाती है।
(6) अमरुद के पत्तों को उबालकर उसमें आधा ग्राम सोंठ मिलाकर सेवन करने से खांसी,अपच आदि ठीक हो जाते हैं।
(7) अमरुद के पत्ते,तुलसी के पत्ते,गिलोय सबको लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से ज्वर का नाश,दाह का नाश,एवं बुखार की वजह से लिवर की खराबी आदि ठीक हो जाते हैं।
(8) पांच ग्राम अमरुद की छाल के चूर्ण को उसके ही काढ़े के साथ सेवन करने से हीमोग्लोबिन की कमी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है।
(9) अमरुद के पत्ते का काढ़ा पीने से एसिडिटी तुरंत ठीक हो जाती है।
(10) अमरुद के पत्ते को सुखाकर या ताज़ी पत्तियों के साथ तुलसी के पत्ते एवं मुलेठी की चाय पीने से खांसी ठीक हो जाती है।
(11) अमरुद की जड़ का छिलका का काढ़ा बनाकर उसमें नमक मिलाकर सेवन करने से अतिसार,संग्रहणी,पेट के कीड़े एवं बच्चे के दस्त को तुरंत आराम कर देती है।
(12) सिरदर्द में कच्चे हरे अमरुद को पत्थर पर घिसकर लेप करने से बहुत जल्दी आराम मिल जाता है।
(13) अमरुद का अर्क निकालकर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करने से सूखी खांसी में तुरंत आराम मिलता है।
(14) अमरुद के पत्तों के काढ़े में फिटकिरी मिलाकर कुल्ला करने से दाँतों के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
(15) अमरुद के कोमल पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
(16) अमरुद के पत्तों को पानी में पकाकर काढ़ा बनाकर और उसमें थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के घाव,मुंह के अंदर रक्तश्राव ,मुंह की दुर्गन्ध आदि दूर हो जाती है।
(17) अमरुद और नागकेशर दोनों को महीन पीसकर गोलियां बनाकर सेवन करने से कब्ज,गुदभ्रंश रोग ठीक हो जाता है।
(18) अमरुद की छाल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पेचिश,हैजा,दूषित भोजन की विषाक्तता ,उलटी आदि बहुत जल्दी आराम हो जाता है।
(19) अमरुद के कोमल पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से अनपच,बदहजमी आदि ठीक हो जाती है।
(20) अमरुद के छोटे – छोटे टुकड़े कर पानी में दाल दें और कुछ देर बाद उस पानी को पीने से मधुमेह में बहुत लाभ होता है।
(21) अमरुद की जड़ को पानी में पकाकर सेवन करने से पुराना पेचिश ठीक हो जाता है।
(22) उल्टी रोकने हेतु अमरुद के पत्तों का काढ़ा रामबाण औषधि है।