अश्वगंधा का पौधा

                                                                                           अश्वगंधा का पौधा

अश्वगंधा एक झाड़ीनुमा विदानिया कुल का अत्यंत औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है,जो विश्व के स्पेन,जोर्डन,मोरक्को,अफ्रीका,श्रीलंका,मिश्र,पाकिस्तान,एवं भारत में पाए जाने वाला प्राकृतिक पौधा है। किन्तु भारत में व्यावसायिक रूप से पश्चिमोत्तर राज्यों जैसे पंजाब,गुजरात,महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश,हिमाचल प्रदेश,राजस्थान आदि राज्यों में अश्वगंधा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी पत्तियों एवं जड़ों से घोड़े जैसी गंध आती है ,इसलिए इसका नाम अश्वगंधा पड़ गया है। राजस्थान में इसे असगण्य या पाण्डलसिंह कहा जाता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा एक अति महत्त्वपूर्ण पौधा है। इनकी जड़ों में एल्केलॉइड की सांद्रता पाई जाती है। अश्वगंधा को मेध्य रसायन कहा जाता है ,क्योंकि यह हमारी दिमाग की याददास्त एवं एकाग्रता बढ़ाने में  अत्यंत कारगर है। अश्वगंधा का वनस्पति नाम इसका Withania somnifera है। वास्तव में अश्वगंधा मानव समुदाय के के लिए एक दिव्य औषधि के रूप में आयुर्वेद में अपना स्थान बना चूका है। अतः हम अश्वगंधा के औषधीय गुणों का वर्णन निम्नलिखित रूप में कर रहे हैं ,जिसे अपनाकर मनुष्य समुदाय लाभान्वित होंगे –
(1) अश्वगंधा यौन दुर्बलता के लिए एक अत्यंत गुणकारी औषधि है। इसे दूध के साथ एक चम्मच प्रतिदिन रात में सोते समय सेवन करें।
(2) कमर दर्द के लिए अश्वगंधा पाउडर का प्रयोग अति गुणकारी है।
(3) लम्बाई बढ़ाने के लिए अश्वगंधा टेबलेट या पाउडर का प्रयोग अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। यह एक अनुभूत प्रयोग है।
(4) बच्चों में मोटापा एक अत्यंत कष्ट दायक है ,जिसे अश्वगंधा के सेवन से निःसंदेह दूर किया जा सकता है।
(5) अश्वगंधा के साथ शहद मिलाकर सेवन करने से बच्चों की पसली चलना,कमजोरी आदि शीघ्रता से दूर हो जाता है।
(6) आर्थराइटिस,सायटिका,गठिया रोग को दूर करने हेतु अश्वगंधा के साथ हल्दी,सोंठ,शतावर,सुरंजान समान भाग मिलाकर सेवन करें। निःसंदेह सारी समस्या दूर हो जाएगी।
(7) अश्वगंधा में डायबिटीज रोगी को होने वाली कमजोरी को दूर करने की अद्भुत शक्ति होती है।
(8) प्रदर,धातु रोग,धातुक्षीणता,प्रमेह के रोगियों के लिए अश्वगंधा का सेवन अत्यंत फायदेमंद हैं।
(9) अश्वगंधा के जड़ का काढ़ा पीने से खांसी रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
(10) अश्वगंधा पाउडर का गुनगुने दूध के साथ सेवन से दिमाग के कमजोरी दूर हो जाती है और साथ ही याददास्त बहुत अच्छी हो जाती है।
(11) अश्वगंधा एवं अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय की कमजोरी,हृदय शूल एवं कोलेस्ट्रॉल दूर हो जाती है।
(12) अश्वगंधा के एक या दो पत्तियों को मसलकर गोली बनाकर गर्म जल के साथ सुबह खली पेट सेवन करने से मोटापा बहुत शीघ्रता से दूर हो जाता है।
(13) अश्वगंधा के पत्तों को उबालकर काढ़ा बनायें और उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से अर्थराइटिस ,दर्द ,सूजन आदि दूर हो जाता है।
(14) अश्वगंधा के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है।
(15) थाइराइड के रोगी के लिए अश्वगंधा एक वरदान के रूप में सिद्ध होता है।
(16) कामोद्दीपक के रूप में अश्वगंधा का प्रयोग प्राचीन काल से होता आया है।
(17) त्वचा विकार के लिए अश्वगंधा अत्यंत उपयोगी होता है।
(18) सन्धिवात रोगों में अश्वगंधा का प्रयोग अत्यंत लाभदायक है।
(19) अवसाद ता तनाव के लिए अश्वगंधा अत्यंत रामबाण औषधि है।
(20) मांसपेशियों के ताकत के लिए अश्वगंधा का प्रयोग बहुत फायदेमंद है।
(21) अश्वगंधा बालों के लिए भी अत्यंत लाभदायक है।
(22) अश्वगंधा के जड़ के पाउडर की चाय सुबह प्रतिदिन पीने से कैंसर रोगों से बचे रह सकते हैं।

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