नीम का पेड़

सम्पूर्ण भारतवर्ष में पाए जाने वाला नीम का पेड़ एक उष्ण कटिबंधीय चिर परिचित औषधीय पेड़ है। नीम के पेड़ का मानव के साथ सभ्यता के प्रारम्भ से ही अटूट रिश्ता रहा है। नीम के पेड़ की जड़ से लेकर तना,छाल,पत्तियां, फूल एवं निबोली सबका मानव के जीवन में अत्यंत व्यापक योगदान रहा है। आयुर्वेद में चमत्कारिक नीम के पेड़ में औषधीय गुणों के कारण ही अमृत के समान गुण वाला पौधा माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम Azadirachta Indika है।इसका स्वाद तो बहुत कड़ुवा होता है किन्तु यह कड़ुवापन कई बीमारियों का काल होता है। इसके औषधीय गुण हैं –
(1) नीम की छाल का प्रयोग चर्म रोगों में अति लाभकारी है। इसके लिए छाल को पीसकर चर्म रोगों एवं घावों पर लेप करने से बहुत लाभ होता है।
(2) नीम की निबोली खाने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
(3) नीम की दातुन करने से दाँत एवं मसूड़े अत्यंत मजबूत एवं चमकदार हो जाते हैं और साथ ही दाँत में कीड़े नहीं लगते हैं।
(4) नीम की पत्तियों को जल में उबाल कर नहाने से शरीर में फोड़े – फुंसियों एवं चर्म रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
(5) चेचक के उपचार में नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर नहाने से फोड़े एवं मवाद में बहुत लाभ होता है एवं विषाणु को फैलने से रोकता है।
(6) नीम की निबोली से निकाले गए तेल बालों में लगाने से जुएं मर जाते हैं एवं बालों में रुसी, बालों का झड़ना आदि तत्काल रुक जाता है।
(7) आँखों में सूजन या कंजेक्टिवाइटिस में नीम की पत्तियों का रस डालने से बहुत लाभ मिलता है।
(8) नीम की पत्तियों का रस कान में डालने से कान के विकारों को जड़ से दूर कर देता है।
(9) नीम की पत्तियों का रस और शहद दो एक के अनुपात में मिलाकर पीने से पीलिया में बहुत आराम होता है।
(10) नीम के तेल की 8 – 10 बूंदें सोते समय दूध में डालकर पीने से पसीने के बदबू , ज्यादा पसीना आना एवं पसीने से होने वाले जलन में अत्यंत लाभ होता है।
(11) नीम के बीजों को चूर्ण बनाकर सुबह शाम खाली पेट गुनगुने जल के साथ सेवन करने से बबासीर में अत्यंत चमत्कारिक लाभ मिलता है।
(12) नीम की पत्तियों को सुबह खाली पेट खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
(13) नीम की पत्ती खाने से मुंह से आने वाली दुर्गन्ध एवं बैक्टीरिया समाप्त हो जाती है।
(14) नीम की पत्तियों को सुबह खाली पेट खाने से हर प्रकार के रक्त विकार दूर हो जाता है ,यहाँ तक कि कैंसर के कारण होने वाले रक्त दूषित विकार को भी दूर करने में अत्यंत सहायक है।
(15) नीम से निकलने वाले नीम घनवटी के प्रयोग से मधुमेह रोगों को समाप्त करने में अत्यंत सहायक सिद्ध होता है।

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