कैसी ये मजबूरी मिलना बहुत जरूरी।

कैसी ये मजबूरी,मिलना बहुत जरूरी।
बिन मिले रहा ना जाए
मिलने वालो रोज मिलो चाहे दुनियाँ जल जल जाए।

मिलान की खातिर तड़प रहे हैं,
ज्यों मछली बिन पानी।
प्यार पे पहरे बिठा कर,
कर दी ख़ाक जवानी।
जिस पल दिल से दिल मिल जाए,जल्दी वो पल आए।
मिलने वालो रोज मिलो ——

मरे नहीं हैं सपने अपने,जो थे हमने देखे।
एक दिन सच हो जाए सारे,मिट जाएं सभी परेखे।
मिलें किनारे दरिया के चाहे सागर हिल हिल जाए।
मिलने वालो रोज मिलो चाहे —

इतनी भी कमजोर नहीं है,
ये उम्मीद की डोरी।
एक दिन मिले ” स्वामी ” तुझे
वो तेरी चाँद चकोरी।
सिर धुन कर रह जायेंगे जब
दिल से दिल मिल जाए।
मिलने वालो रोज मिलो,
चाहे दुनियाँ जल जल जाए।।

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