गोखरू का पौधा
गोखरू भारत के उत्तरी भागों में पाया जाने वाला एक अत्यंत औषधीय गुणों से युक्त पौधा है जो बलुई या पथरीली भागों में राजस्थान,हरियाणा में बहुतायत में मिलता है। वैसे तो कमोबेश लगभग सभी जगह पाया जाता है। गोखरू का पौधा धरती पर फैलने वाला एक क्षुप के रूप में होता है जो आषाढ़ एवं सावन के महीने में जमीन पर उग आता है। इसमें पीले रंग के पुष्प आते है और विकसित होकर कंटक युक्त फल के रूप में परिवर्तित अन्य फसलों के साथ हमारे घरों में भी पहुँच जाता है। वैसे तो लोगों को इसके औषधीय गुणों के बारे में पता नहीं होता है और इसे अनाजों से निकल कर फेंक देते हैं किन्तु जो इसके महत्त्व एवं औषधीय गुणों से परिचित हैं वे इसका प्रयोग अपने रोगों को दूर करने में करते है। वास्तव में गोखरू के फलों के अतिरिक्त सभी भागों का भी औषधीय प्रयोग होता है। गोखरू को कई नामों से पुकारा जाता है ,जैसे – संस्कृत में गोक्षुर,हिंदी में गुड़हल या गोखरू आदि। गोखरू का वानस्पतिक नाम ” त्रिबुलस टेरेस्ट्रिस ” है जो जाईगोफाइलिई परिवार के अंतर्गत आता है।
गोखरू के औषधीय गुण एवं औषधीय प्रयोग
(1) गोखरू के बीजों का काढ़ा का सेवन किडनी के सभी प्रकार के रोगों का रामबाण उपचार है।
(2) गोखरू,पुनर्नवा,मेथी ,पाषाणभेद,वरुण की छाल 10 -10 ग्राम की मात्रा लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से लिवर एवं किडनी की समस्त दोषों को दूर करने में अत्यंत उपयोगी है।
(3) गोखरू,सोंठ,मेथी,अश्वगंधा समान भाग लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से यूरिक एसिड का नाश हो जाता है।
(4) गोखरू, तुलसी के पत्ते एवं सोंठ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से खांसी की समस्या अत्यंत शीघ्रता से दूर हो जाता है।
(5) गोखरू और कला तिल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से बहुमूत्र की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
(6) गोखरू का काढ़ा पीने से पथरी एवं पथरी बनने के कारणों को दूर करता है।
(7) गोखरू के पंचांग का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पथरी निकल जाती है।
(8) गोखरू,मेथी,पाषाणभेद,वरुण की छाल,कुलथ दाल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पथरी बहुत जल्दी निकल जाती है।
(9) भृंगराज,मुलेठी,आंवला,गोखरू समान भाग लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से शारीरिक कमजोरी बहुत शीघ्रता से दूर कर देता है।
(10) गोखरू एवं अजवाइन के काढ़ा के सेवन से गर्भाशय की शुद्धि,गर्भाशय का संक्रमण,सूजन बच्चेदानी का दोष अत्यंत शीघ्रता से दूर हो जाता है।
(11) गोखरू 10 ग्राम एवं 1 ग्राम अजवाइन का काढ़ा बनाकर सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ जाती है एवं भूख बढ़ जाती है।
(12) गोखरू के सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाने में अत्यंत कारगर औषधि है।
(13) गोखरू के सेवन से पुरुषों में कामेच्छा ,स्तम्भन शक्ति एवं प्रजनन क्षमता में भी वृद्धि होती है।
(14) गोखरू के सेवन से महिलाओं में पीसीओडी की समस्या दूर हो जाती है जो बाँझपन का मूल कारण माना जाता है।
(15) गोखरू के सेवन से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होनेवाले दर्द को भी दूर करने में अत्यंत सहायक है।
(16) गोखरू के सेवन से महिलाओं को मीनोपॉज की समस्या से भी निजात दिलाती है।
(17) गोखरू के सेवन से दिल की बीमारियां जैसे कोलेस्ट्रॉल ,ब्लड शुगर,उच्च रक्तचाप,की समस्या से भी मुक्ति दिलाती है।
(18) गोखरू के सेवन से यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन की समस्या से राहत दिलाती है।
(19) गोखरू के काढ़ा के सेवन से प्रोस्टेट की सभी प्रकार की समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
(20) गोखरू के सेवन से एक्जिमा की समस्या भी दूर हो जाती है।