जामुन का पेड़
जामुन एक फलदार पेड़ है ,जो लगभग सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है। भारत के अतिरिक्त जामुन का पेड़ दक्षिणी एशिया के अन्य देशों में भी पाया जाता है। जामुन के फलों में खनिज,ग्लूकोज एवं फ्रक्टोज मुख्य रूप से पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Syzygium cumini है। जामुन के फलों का स्वाद कसैला एवं अम्लीय होने साथ साथ मीठा भी होता है। कैलोरी की तुलना में यह अन्य फलों से काम कैलोरी युक्त होता है। वास्तव में जामुन रसदार फलों के साथ साथ औषधीय गुणों से लबालव होता है। इसके फलों के बीजों में कार्बोहाइड्रेट,कैल्सियम,आयरन विटामिन बी,कैरोटीन,मैग्नीशियम, लाभप्रद फाइबर एवं प्रोटीन की प्रचुरता पायी जाती है। इसके औषधीय गुणों का उल्लेख निम्नलिखित है –
(1) जामुन के फलों के सेवन से गर्मी में लू से बचाव होता है।
(2) मधेह के रोगियों के लिए जामुन का फल अमृत सदृश्य माना गया है ,क्योंकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में अचूक माना गया है।
(3) प्रतिदिन खाना खाने बाद जामुन खाने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
(4) जामुन की छाल का काढ़ा पीने से पेट के अंदर होने वाली ऐंठन की समस्या से निजात मिल जाता है।
(5) मुंह में छाले हो जाने पर जामुन के कोमल पत्तों को चबाने से छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।
(6) जामुन के बीजों का चूर्ण प्रतिदिन सुबह शाम सेवन करने से मधुमेह के रोगी ठीक हो जाते हैं।
(7) जामुन के गुठली का चूर्ण उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में अचूक औषधि का कार्य करती है।
(8) जामुन के फलों के सेवन से कैंसर होने की संभावना नहीं रहती है।
(9) जामुन के सेवन से एनीमिया की बीमारी ठीक हो जाती है।
(10) जामुन में पाए जाने वाले कैल्सियम, पोटैशियम एवं आयरन शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने वाली होती है ,जिससे रोगों से बचे रह सकते हैं।
(11) मसूड़ों के सूजन ,रक्त आना एवं मुंह के दुर्गन्ध आने पर जामुन के पत्ती या गुठली के साथ नमक मिलाकर मसूड़ों पर लगाने से सारी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
(12) जामुन के रस के प्रतिदिन सेवन से लिवर की सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
(13) जामुन का चूर्ण दही के साथ सेवन करने से पथरी की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
(14) जामुन के बीजों को दूध के साथ पीसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे या पिंपल्स एवं दाग – धब्बे ठीक हो जाते हैं।
(15) बिस्तर पर पेशाब करने वाले बच्चों को जामुन का चूर्ण खिलाने से इस समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
(16) छोटे बच्चों के दस्त की समस्या होने पर जामुन की छाल को बकरी के दूध में पीसकर पिलाने से रहत मिलती है।
(17) जामुन के चूर्ण को प्रतिदिन चाटने से आवाज सुन्दर,सुरीली एवं साफ़ हो जाती हैं।
(18) गठिया रोग में जामुन की छाल को पीसकर लेप करने से अत्यंत लाभ होता है।