प्रेम एक अनमोल,अमूल्य एवं अद्भुत उपहार

        प्रेम एक अनमोल,अमूल्य एवं अद्भुत उपहार

प्रेम एक अनमोल,अमूल्य एवं इस दुनियाँ का एक अद्भुत उपहार है।
प्रेम की अनुपस्थिति में हम इस दुनियाँ की कल्पना नहीं कर सकते हैं।
आज मानव आधुनिकता एवं भौतिकता की के वशीभूत होकर ही निकृष्ट
कर्म की ओर अग्रसर हो रहा है,जिसके परिणामस्वरूप मानव अपराध
करने पर उतारु हो जाता हैऔर समाज,देश एवं सम्पूर्ण विश्व में सारे
फसाद की जड़ प्रेम का अभाव ही तो है।
       जब मानव जीवन में प्रेम का अंकुर फूटता है तो मानव का जीवन विध्वंस
से सर्जन की ओर अग्रसर होता है और मानव स्वार्थ को दफ़न कर परोपकार
की दहलीज पर कदम बढ़ाता है तो पूरा विश्व भाईचारा एवं कल्याण की भावनाओं
से ओत प्रोत होकर निस्वार्थ प्रेम की खुशबू का फैलाव व प्रश्रय एक व्यापक पैमाने
पर होता है। वास्तव में प्रेम की शक्ति के आगे नफरत एवं अलगाव जैसी भावनाओं
को दूर कर प्रेम भावनाओं को जागृत करना आज के समाज एवं देश में अति आवश्यक है।

आज कुछ प्रेरक बातें नीचे उल्लिखित हैं –

” प्रेम किसी से कब हो जाये,
ये किसी को अंदाजा नहीं होता। “
            ये दिल तो वो घर,
जिसका कोई दरवाजा नहीं होता।।”

” नफरत का खुद कोई अस्तित्त्व नहीं होता,
वो तो केवल प्रेम की गैरहाजिरी का परिणाम होता है।। “

” बेचैनियां बाजार में ,नहीं मिला करती यारों —
    बाँटने वाला, कोई बहुत नजदीकी होता है -।। “

” चेहरे पर मुस्कान बनाये रखिये साहब,
जिंदगी में अच्छे बुरे दिन तो आते जाते रहेंगे।
  कुछ पाकर तो हर कोई मुस्कुराता है —!
जिंदगी शायद उनकी होती है,जो बहुत कुछ ,
     खोकर भी मुस्कुराना जानता है।। “

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