मालती या मधु मालती का पौधा

                                                              मालती या मधु मालती का पौधा

मालती या मधु मालती का पौधा एक लता के रूप में पायी जाती है। यह एशिया के देशों के अलावा विश्व के कई अन्य देशों में बहुतायत में पाया जाता है। इसे अंग्रेजी में Rangoon creeper और वानस्पतिक नाम Combretum Indicum है। इस झाड़ीनुमा लता को बंगाल में मधुमंजरी,तेलगु में राधमनोहरम,संस्कृत में मालती एवं मल्लिका,आसामी में मालती आदि नामों से इसे जाना जाता है। मालती फूलों की विशेषता यह होती है कि वे अपना रंग बदलती रहती है। सूर्योदय के समय सफ़ेद ,दूसरे दिन गुलाबी एवं तीसरे दिन पूरे लाल रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। इस पौधे पर सालोभर फूलों की भरमार रहती है जो विभिन्न प्रकार के कीटों को आकर्षित करते हैं। मालती का पौधा सुन्दर होने के साथ – साथ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं ,जिसके द्वारा हम अपने कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं-
(1) मालती के फूलों एवं पत्तों को 3 – 4 ग्राम के मात्रा लेकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से धातु रोग,प्रमेह,धातुक्षीणता आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
(2) मालती फूलों या 8 -10 पत्तियों का रस निकालकर सेवन करने से मधुमेह के रोगों से मुक्ति पा लेते हैं।
(3) मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस के सेवन से ल्यूकोरिया,श्वेत प्रदर,शारीरिक कमजोरी,आदि ठीक हो जाते हैं।
(4) मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस के सेवन से धातु रोगों एवं हार्मोन्स सम्बन्धी बीमारी भी दूर हो जाती है।
(5) मालती के फूलों,पत्तियों एवं उसमें तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी,खांसी,जुकाम,कफ आदि का शमन शीघ्रता से हो जाता है।
(6) मालती के फूलों एवं पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से जिसे खाने पर रसों का अवशोषण शरीर नहीं कर पता है या यूँ कहें कि खाना पीना नहीं लगता है उसे दूर करने में अत्यंत कारगर है।
(7) मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस में मिश्री मिलाकर सेवन करने से शारीरिक क्षीणता, दुर्बलता आदि दूर हो जाती है।
(8) मालती के फूलों ,पत्तियों के रस के सेवन से मासिक धर्म की परेशानी दूर हो जाती है।
(9) मालती के जड़ों का काढ़ा पीने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।
(10) मालती के जड़ों का काढ़ा पीने से जोड़ो का दर्द एवं गठिया रोग दूर हो जाता है।
(11) मालती के पत्तियों ,फूलों,जड़ों एवं फलों का काढ़ा पीने से किडनी की सूजन ठीक हो जाती है।
(12) मालती के पत्तियों को उबालकर पानी पीने से पेट का फुला – फुला एवं भरा – भरा रहना,अपच आदि दूर हो जाता है।

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