रतौंधी रोग
रतौंधी विटामिन ए की कमी से होने वाला आँखों की एक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को दिन में भलीभांति ठीक तरह से दिखाई देता है ;किन्तु रात्रि में उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता है। इस बीमारी में आँखों में स्थित कनीनिका (कॉर्निया ) में सूखापन आ जाने के कारण होता है। वास्तव में रतौंधी प्रारंभिक स्टेज में कुछ दिनों तक तो ठीक है ;किन्तु दीर्घकालिक परिणाम नेत्रहीनता की स्थिति में परिवर्तित हो सकता है। इसलिए रतौंधी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसका उपचार समय से करा लेना हितकारी है।
लक्षण : – सूरज के ढलते ही धुंधला दिखाई देना,रात में बिलकुल दिखाई नहीं देना,बल्ब के चारों ओर किरणें फूटती हुई दिखाई देना आदि रतौंधी के प्रमुख लक्षण हैं।
कारण :- विटामिन ए की कमी,संतुलित खाना नहीं खाना,शारीरिक दुर्बलता आदि रतोंधी के मुख्य कारण हैं।
उपचार :- (1) काली मिर्च का चूर्ण घी या मक्खन के साथ प्रतिदिन मिलाकर खाने से रतौंधी ठीक हो जाती है।
(2) आंवला और मिश्री को समान भाग में पीसकर पांच ग्राम की मात्रा ताजे जल के साथ प्रतिदिन लेने से रतौंधी ठीक हो जाती है।
(3) अश्वगंधा चूर्ण दो ग्राम,आंवले का रस 10 ग्राम और मुलहठी का चूर्ण दो ग्राम मिलाकर जल के साथ सेवन करने से रतौंधी दूर हो जाती है।
(4) पके हुए आम प्रतिदिन खाने से कुछ दिनों में रतौंधी दूर हो जाती है।
(5) गाजर का रस एवं आंवला का रस मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से रतौंधी दूर हो जाती है।
(6) आँखों में शुद्ध शहद प्रतिदिन डालने से भी रतौंधी दूर हो जाती है।
(7) 10 से 15 बेल के पत्ते एवं 8 से 10 काली मिर्च 150 एम् एल पानी के साथ पीसकर छान लें और उसमें 20 -25 ग्राम मिश्री मिलाकर सुबह – शाम खाली पेट पीने से रतौंधी एक सप्ताह में ही ठीक हो जाती है।
(8) मछली या मछली में पाया जाने वाला तेल के सेवन से भी रतौंधी यथाशीघ्र ठीक हो जाता है।
(9) सोंफ, काली मिर्च एवं मिश्री को पीसकर चूर्ण बना लें और सुबह शाम 4 – 5 ग्राम की मात्रा ताजे जल या घी या मक्खन के साथ सेवन रतौंधी को बहुत जल्दी ठीक करा देता है।
(10) गाजर, चुकुन्दर, आंवला, पालक,ब्रोकली आदि के प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करने से रतौंधी ठीक हो जाती है।
(11) बेल के पत्ते को रात में पानी में भिगों दे और सुबह उस पानी से आँखों को धोने से रतौंधी दूर हो जाती है।