अजीब, हास्यास्पद व्यंग्य

” यह नदियों का मुल्क है,पानी भी भरपूर है। 
बोतल में बिकता है ,बीस रु शुल्क है। “

” यह गरीबों का मुल्क है ,जनसंख्या भरपूर है।
परिवार नियोजन मानते नहीं,जबकि नसबंदी निःशुल्क है। “

” यह अजीब मुल्क है ,निर्बलों पर हर शुक्ल है।
अगर आप हों बाहुबली ,हर सुविधा निःशुल्क है। “

” यह अपना ही मुल्क है ,कर कुछ सकते नहीं।
कह कुछ सकते नहीं ,जबकि बोलना निःशुल्क है। “

” यह शादियों का मुल्क है ,दान दहेज़ भी खूब हैं।
शादी करने को पैसा नहीं,जबकि कोर्ट मैरिज निःशुल्क है। “

” यह पर्यटन का मुल्क है ,बस / रेलें भी खूब हैं।
बिना टिकट पकड़े गए तो ,रोटी कपड़ा निःशुल्क है। “

” यह अजीब मुल्क है ,हर जरुरत पर शुल्क है।
ढूंढ़ कर देते हैं लोग ,पर सलाह निःशुल्क है।

” यह आवाम का मुल्क है ,रहकर चुनने का हक़ है।
वोट देने जाते नहीं ,जबकि मतदान निःशुल्क है। “

                   * बेचारा आदमी *
” जब सर के बाल न आये तो दवाई ढूंढता है —,
जब आ जाये तो नै ढूंढता है —,
और जब काले रहते तो लुगाई ढूंढता है।
जब सफ़ेद हो जाये तो फिर दे ढूंढता है —!”

 

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