शंखपुष्पी का पौधा

                                                                                                    शंखपुष्पी का पौधा

शंखपुष्पी एक आयुर्वेदिक औषधीय गुणों से युक्त अत्यंत महत्त्वपूर्ण पौधा है। शंख के समान इसके फूलों का रंग रूप होने के कारण इसे शंखपुष्पी के नाम से जाना जाता है। वैसे शंखपुष्पी के पुष्प सफ़ेद रंग के अतिरिक्त रक्त,नील आदि कई रंगों के होते हैं किन्तु औषधीय गुणों की दृष्टि से सफ़ेद पुष्प वाले पौधे अधिक उपयोगी माने जाते हैं। शंखपुष्पी का पौधा सम्पूर्ण भारत में पाई जाती है,जिसकी लम्बाई 10 से 30 सेंटीमीटर तक होती है। इसकी तना एवं शाखाएं सुतली के समान पतली सफ़ेद रोयें से भरी हुई होती है और तने से दूध के जैसा रस स्रावित होता है। वास्तव में शंखपुष्पी का पौधा आयुर्वेदिक गुणों,प्रभावों के कारण मानसिक रोगों के लिए अमृततुल्य एवं वरदान माना गया है,जो अपने कषाय,स्निग्ध,तिक्त आदि गुणों के कारण अत्यंत लाभप्रद औषधि है। शंखपुष्पी का वानस्पतिक नाम ” कोनोवुल्लूस प्लूरिकालिस ” है। इसे कई नामों से जाना जाता है ,जैसे – विष्णुकांता,विष्णुगंधी,वैष्णव,बंगाली में शंखाहुली,कन्नड़ में शंखपुष्पी,मराठी में शंखावड़ी,गुजराती में शंखवाली आदि। शंखपुष्पी में केंफेरोल फ्लेवेनॉएड,एथेनोलिन एसिड,एड्रेनलाइन कोर्टिसोल आदि घटक प्रचुरता से पाए जाते हैं।

                                                                            शंखपुष्पी के आयुर्वेदिक गुण एवं औषधीय उपयोग

(1) मानसिक रोगों को दूर करने में शंखपुष्पी अत्यंत कारगर औषधि है।
(2) शंखपुष्पी कुष्ठ कृमि एवं विष नाशक होता है।
(3) शंखपुष्पी के सेवन से दिमाग तेज एवं याददाश्त बढ़ती है।
(4) मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दो से तीन पुष्पों के चूर्ण को मक्खन या ताजे जल के साथ सेवन करना चाहिए।
(5) सिरदर्द,मेमोरी लॉस,ध्यान में कमी,अवसाद, बार – बार गर्भपात को रोकने में शंखपुष्पी अत्यंत कारगर औषधि के रूप में माना जाता है।
(6) शंखपुष्पी के सेवन से मासिक धर्म सम्बन्धी दोषों का भी शमन होता है।
(7) शंखपुष्पी का रस दो चम्मच,दूब का रस एक चम्मच,एक चम्मच गिलोय का रस मिलाकर सेवन करने से खून की उल्टी बहुत शीघ्रता से रुक जाता है।
(8) नाक से खून आने पर शंखपुष्पी के रस की एक -दो बूंदें डालने से तुरंत आराम मिलता है।
(9) शंखपुष्पी के पौधे को जड़ सहित पीसकर सिर पर लगाने से बालों की चमक बढ़ जाती है एवं सफ़ेद होने से भी रुक जाती है।
(10) शंखपुष्पी,हरड़,घी,शतावरी एवं शक्कर के साथ मिलाकर सेवन करने से गर्भाशय एवं शरीर को अत्यंत बल मिलता है।
(11) शंखपुष्पी त्रिदोष ( कफ,वात,पित्त ) नाशक होता है।
(12) शंखपुष्पी के सेवन से चिंता,डिप्रेशन,तनाव आदि दूर हो जाता है।
(13) शंखपुष्पी के सेवन से थायरॉइड से उत्पन्न विकारों को बड़ी शीघ्रता से दूर कर देने की अद्भुत क्षमता होती है।
(14) शंखपुष्पी का रस पाचन क्रिया को मजबूत करता है।
(15) शंखपुष्पी दिल को ताकत प्रदान करने वाला माना गया है।
(16) शंखपुष्पी के रस के सेवन से पेट का अल्सर भी ठीक हो जाता है।
(17) शंखपुष्पी के पाउडर को दूध के साथ सेवन से अनिद्रा को दूर करने की अद्भुत क्षमता होती है।
(18) शंखपुष्पी के सेवन से मानसिक थकान को दूर करने,एकाग्रता बढ़ाने,स्मृति में सुधार लाने,मस्तिष्क को ताकत प्रदान करने ,याद करने की शक्ति प्रदान करने आदि में अत्यंत लाभप्रद औषधि के रूप में जाना जाता है।
(19) शंखपुष्पी मस्तिष्क के न्यूरॉन को ताकत प्रदान करने में अत्यंत रामबाण औषधि के रूप में प्रसिद्ध है।
(20) शंखपुष्पी अल्झाइमर,पार्किंसन,मिर्गी आदि रोगों के लिए भी अत्यंत उपयोगी औषधि है।

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