सरदार जी आधी रात को दारू पीकरआया
और दरवाजा खटखटाया
पत्नी :- दरवाजा नहीं खोलूंगी,इतनी रात को
जहाँ से आ रहे हो वहीं चले जाओ–!!
सरदार जी :- दरवाजा खोलो नहीं तो
नाले में कूदकर अपनी जान दे दूंगा ।
पत्नी :- मुझे कोई परवाह नहीं तुम्हें
जो करना है वो करो ।
इसके बाद सरदार जी दरवाजे के पास
अँधेरे में जाकर खड़ा हो गया और तीन
मिनट तक इंतजार किया,फिर एक बड़ा
सा पत्थर उठाया और नाले में फेंक दिया।
छपाक,पत्नी ने सुना तो तुरंत दरवाजा खोला
और नाले कीओर दौड़ी।
अँधेरे में खड़े सरदार जी
दरवाजे की ओर दौड़ लगायी और घर के
अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लिया ।
पत्नी :- दरवाजा खोलो,नहीं तो मैं चिल्ला -चिल्ला
कर सारे पड़ोसी को बुलाऊंगी ।
सरदार जी :- खूब चिल्लाओ,जब तक सारे
पड़ोसी जमा न हो जाएँ,फिर मैं उनके सामने
तुमसे पूछूंगा कि आधी रात को कहाँ से आ
रही हो वो भी नाइट ड्रेस में ।
बेवड़े कि बुद्धि को कमजोर समझने की गलती मत करना।
सरदार जी की माँ :- पुत्तर तुझे यहाँ से जालंधर
जाने में एक दिन लगा और वापस आने में तीन
दिन लगे,वो भी नई कार से ऐसा क्यों —?
सरदार जी :- माँ ! ये कार बनाने वाले भी पागल हैं !
आगे जाने के लिए चार गियर बनाये हैं,और वापस
आने के लिए केवल एक ही गियर बनाया है !
एक कंजूस सरदार जी लॉटरी लग गई तो वह गुरूद्वारे गया,
गुरूद्वारे के ग्रंथी साहब ने उस कंजूस सरदार जी से कहा-
सरदार जी कुछ गुरूद्वारे में भी गुरु साहब को दे दो ,तो उस
कंजूस सरदार जी ने सारे रूपये हवा में उड़ाए और कहा —
गुरु जी तुझे जितना चाहिए रख लो,जो नीचे गिरेंगे वो मेरे ।