आज वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हालत ख़राब है , सबको पता है। कब सुधरेंगे, किसी को नहीं पता ? आज बचे हैं, सबको पता है । कब तक बचेंगे,किसी को नहीं पता ? आज औषधि नहीं है, सबको पता है। कब तक आएगी,किसी को नहीं पता ? आ भी गई तो हमें कब मिलेगी, ये भी नहीं पता ? वास्तव में साथियों सही मायने में कौन है ? रोगी और कौन निरोगी ? ये भी नहीं पता।
पिछले दो महीने से हमें लगातार कोरोना रोग के बारें में नई – नई बात सुनने को मिलती है, जैसे – शुरु में कहा गया कि कोरोना एक आदमी से दूसरे आदमी में नहीं फैलता है ;लेकिन तुरंत बाद कह दिया गया कि नहीं, यह कोरोना बीमारी एक आदमी से दूसरे आदमी में फैलता है।उसके बाद फिर कहा गया कि यह कोरोना बीमारी खांसने,छींकने से ड्रॉपलेट से फैलता है यानि ड्रॉपलेट इंफेक्शन है।किन्तु उसके बाद कह दिया गया नहीं ,यह कोरोना हवा के माध्यम से भी फैलता है यानि ड्रॉपलेट द्वारा हवा में ट्रैवल कर सकता है।उसके बाद फिर कहा गया कि रोगी जिनको लक्षण हैं, वो मास्क लगायें,फिर कहा गया कि सभी मास्क लगायें। और ये कहा गया कि संक्रमित व्यक्ति को सर्दी ,खांसी,जुकाम,गले में दर्द,गले में खराश,बुखार,साँस लेने में परेशानी आदि लक्षण होंगे और फिर कहा गया कि जरुरी नहीं है कि ये सब भी लक्षण हों।
उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए मेरा कहने का मतलब है कि आज दो महीने बाद भी सम्पूर्ण विश्व मिलकर भी कोरोना के बारे में एक राय नहीं बना पाया है और चिंता मुझे इस बात की है कि एक राय बनाने में इतनी देर न हो जाये कि हम बहुत सारे अपने लोगों को खो दें,बहुत सारे घर उजाड़ जाएँ,बहुत सारे देश तबाह हो जाये।
इसलिए इस वैश्विक महामारी कोरोना को हराने हेतु आयुर्वेद को माध्यम बनाकर आपको उस राह पर चलने के लिए कह रहा हूँ जहाँ पर जीत निश्चित है। वो राह है -” हम सब प्रत्येक व्यक्ति को यह मानना पड़ेगा कि हाँ मैं कोरोना का रोगी हूँ।” अब आप कहेंगे मुझे कोरोना का कोई लक्षण नहीं है,हमारा कोई टेस्ट ( जाँच )नहीं हुआ है,तो हम कोरोना का रोगी अपने आपको क्यूँ माने ? हम ये बात क्यूँ बोलें ? तो मैं आपको बताना चाहूँगा कि लक्षण नहीं है तो ICMR ये बोलती है कि ये कोरोना जिनके पॉजिटिव टेस्ट आये हैं,उनमें से 70 से 80 प्रतिशत लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। और फिर जाँच की प्रामाणिकता भी विश्वसनीय नहीं हैं। यदि प्रतिदिन 100000 लोगों की जाँच होगी तो भी सभी लोगों की जाँच में 36 – 37 साल लग जायेंगे। इसलिए कोरोना की जाँच भी बीमारी का कोई solution नहीं हैं ; क्योंकि एक बार जाँच हो गया और निगेटिव आया तो यह आपको हमेशा के लिए प्रमाण पत्र नहीं मिल गया कि आप कोरोना से बचे रहेंगे।हो सकता हैं कि जिस समय टेस्ट हुआ उसके 20 -25 मिनट बाद या अगले दिन आप कोरोना से संक्रमित हो जाएँ।
इसलिए वैश्विक परिपेक्ष्य में आप अपने आपको कोरोना का मरीज मानें और ये पहले तीन काम करें , जिसका कोई शुल्क भी नहीं लगता हैं –
(1 ) सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें,कुछ दिनों के लिए नहीं,कुछ महीनों तक और उसे अपनी आदत में शामिल करना होगा।
(2 ) आप जब भी बाहर जाएँ और यदि मेरी माने तो मैं यह कहना चाहता हूँ कि आप घर में भी मास्क लगाकर रहें।
( 3 ) आप हैंड वाशिंग यानि हाइजीन मेंटेन करने की आदत डाल लें।
चूँकि आप कोरोना के मरीज हैं ,आपको कोई लक्षण नहीं है,कोई बुखार नहीं है,कोई खाँसी नहीं है,कोई गले में दर्द नहीं है,गले में खराश नहीं है,न तो साँस लेने में परेशानी है;लेकिन आप अपने आपको कोरोना का मरीज माना है तो आपको प्राथमिक चिकित्सा लेनी होगी।इसमें आपको दिन में तीन बार लौंग,काली मिर्च,पान के पत्ते में थोड़ा सा कत्था और इलायची रखकर हो सके तो अजवाइन और सेंधा नमक रखकर चूसना होगा।यह प्राथमिक स्तर पर वायरस को मार देगा।यदि आप ऐसा नहीं करते हैं और यदि वायरस शुरूआती लक्षण में है तो 7 – 8 दिनों के बाद आपके शरीर में अपना वर्चस्व स्थापित कर लेगा और उस समय इतना घातक हो जायेगा कि आप उसका मुकाबला करने में अपने आपको सक्षम नहीं होंगे।इसलिए आप प्रारंभिक स्टेज में उसे मारने के लिए इन घरेलू उपायों को करें ताकि कोरोना के कोविद 19 जैसे खतरनाक वायरस से बचे रह सकें।
इसके लिए आप हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी से प्रतिदिन गरारे करें और साथ ही भांप भी लें।इसके अतिरिक्त हमारे घरों के रसोई में मौजूद अदरक,काली मिर्च,पिप्पली,लौंग,इलायची,दालचीनी,हल्दी,दारू हल्दी,मुलैठी,तुलसी और गिलोय का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन पियें ताकि शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति इतनी मजबूत हो जाये कि कोरोना क्या कोरोना का बाप भी आपका कुछ भी ना बिगाड़ पाए। मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि इस घरेलू उपायों के द्वारा अपने आपको इस कोरोना जैसे खतरनाक एवं अभी तक लाइलाज महामारी से अपने आपको महफूज रख पाएंगे।इसके अतिरिक्त यदि कोरोना से आप संक्रमित हो गए ,वैसे आप कोरोना से बचे रहेंगे यह मेरा दावा है।फिर भी आप त्रिभुवन कीर्ति रस,महासुदर्शन घनवटी,संजीवनी वटी,नारदीय विलास रस आदि आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से कोरोना को हराने में सफल रहेंगे।
अंत में मैं यह कहना चाहूँगा कि आप पुरातन,अति गौरवशाली,अति वैज्ञानिक आयुर्वेद को अपनाकर पूरे विश्व में भारत के गौरव का कीर्ति पताका फहरा कर भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्थापित कर भारत माता का भाल ऊँचा करेंगे और मुझे पूर्ण विश्वास है इसमें सफल होंगे। ज्यादा जानकारी हेतु विजिट करें www.ayurvedicswami.com