इलायची का पौधा
इलायची का पौधा दो प्रकार के होते हैं -छोटी और बड़ी इलायची। दोनों ही औषधीय गुणों से युक्त पौधा है ,किन्तु छोटी इलायची जो मैसूर,मालावार,मंगलौर,श्रीलंका आदि जगहों में बहुतायत में पाया जाता है। बड़ी इलायची एशिया एवं आस्ट्रेलिया में बहुतायत में उगाई जाती है।इलायची को संस्कृत में एला,तीक्ष्णगंधा,नामों से जाना जाता है। इलायची के पौधे का जीवन काल 10 से 12 वर्षों तक का होता है। इसके बीजों में एसेंशियल ऑयल पाया जाता है ,उड़नशील होता है।आयुर्वेद के अनुसार इलायची तीक्ष्ण,प्रकृति से शीतल,मुंह को शुद्ध करनेवाली,वात,खांसी,वबासीर,सुजाक,प्रमेह,वीर्य को गाढ़ा करने वाली,पथरी,खुजली एवं हृदय रोगों में अत्यंत उपयोगी है। इलायची का वानस्पतिक नाम Elettaria cardamomum maton है। इलायची के औषधीय गुणों को हम निम्नलिखित रूप में जान सकते हैं –
(1) इलायची का उपयोग प्रतिवर्ष लाखों टन स्वाद या खुशबू के लिए होता है।
(2) इलायची पेट के रोगों में अत्यंत लाभदायक है ,जैसे -मंदाग्नि,भूख न लगना,जी मिचलाना आदि।
(3) इलायची को दूध में डालकर पीने से अफ़ारा,आँतों को शक्ति प्रदान करना,साथ ही आँतों के अंदर एंजाइम बनाने में अत्यंत कारगर है।
(4) इलायची के द्वारा गुटका,तम्बाकू,शराब,सिगरेट आदि का छुड़ाने के लिए एक छोटी इलायची, भुनी हुई सोंफ,एक लौंग,और अजवाइन सबको मिलाकर चूर्ण बनाकर सेवन करने से सभी तरह के नशा के दुष्प्रभाव एवं आदतों का नाश हो जाता है।
(5) शराब के नशा को छुड़ाने हेतु 5 ग्राम इलायची एवं 250 ग्राम अजवाइन को दो लीटर पानी में पकाएं ,आधा लीटर शेष रह जाने पर छानकर रख लें और सुबह – शाम 150 से 200 एम् एल की मात्रा का सेवन करें।
(6) पेट में इंफेक्शन,अफारा,गैस,एसिडिटी,आदि के लिए बड़ी इलायची एवं अर्जुन छाल का काढ़ा पीने से समूल नष्ट हो जाता है।
(7) सर्दी ,जुकाम में इलायची,लौंग,तुलसी के पत्ते,सबको लेकर काढ़ा बनाकर पीने से सारी समस्या दूर हो जाती है।
(8) इलायची के सेवन से मुंह में ज्यादा लार बनता है जो पाचन क्रिया को ज्यादा सक्रिय बनाने में बहुत भूमिका निभाता है।
(9) इलायची के सेवन से हृदय रोग की परेशानी भी ठीक हो जाती है।
(10) आँखों की ज्योति बढ़ाने के लिए इलायची का उपयोग अत्यंत कारगर है।
(11) यदि कोई केले का अधिक मात्रा में सेवन कर लिया हो और अपच की स्थिति बन गयी है तो इलायची के सेवन से तत्काल राहत मिल जाती है।
(12) जी मिचलाना,चक्कर आना यात्रा के दौरान होता हो तो इलायची के दाने मुंह में रखना तत्काल लाभ पहुंचाता है।
(13) आवाज बैठ गयी हो ,या गले में खराश हो तो सुबह जागते ही और रात में सोते समय इलायची का सेवन गर्म जल के साथ करने से शीघ्रता से राहत मिलती है।
(14) गले में सूजन हो तो इलायची को पीसकर मूली के रस के साथ सेवन करने से बहुत लाभ मिलता है।
(15) मुंह के छाले में बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर मुंह में रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
(16) धातुक्षीणता, शीघ्रपतन ,प्रमेह ,प्रदर आदि की समस्या होने पर इलायची का सेवन अत्यंत लाभप्रद है ;किन्तु अधिक दिनों तक प्रयोग नहीं करना चाहिए।