गेंदा का पौधा

गेंदा का पौधा सम्पूर्ण भारत में पाए जाने वाला एक पुष्पीय पौधा है,जो अपने औषधीय गुणों से विख्यात है। वैसे तो गेंदा के फूलों का धार्मिक एवं सामजिक उत्सवों ( जैसे जन्मदिन,शादी – विवाह,समारोहों के पंडाल,गाड़ी की सजावट आदि )में विशेष रूप से उपयोग में लाया जाता है और इसके साथ – साथ ही औषधीय प्रयोगों में भी अपना विशेष स्थान रखता है। गेंदा का वैज्ञानिक नाम टैजेटस है जो अपने सौंदर्य के लिए जाना जाता था। वास्तव में गेंदा के पौधे का आयुर्वेद में अपने दिव्य औषधीय गुणों के साथ – साथ आकर्षण के कारण खास स्थान प्राप्त है। गेंदा के पौधे में कफपित्तनाशक गुणों की विशेषता पायी जाती है। गेंदा को कई नामों से जाना जाता है -गुलतोरा,कलग,हजारा स्थूल पुष्प आदि।

                                                                         गेंदा का औषधीय गुण एवं उसके प्रयोग

(1)गेंदा के पौधे के पत्तों का रस की कुछ बूंदें कान में डालने से कान का दर्द तुरंत दूर हो जाता है।
(2) गेंदा के पत्तों का रस कटे हुए स्थानों पर लगाने से खून का बहना रुक जाता है और घाव भी जल्दी भर जाता है।
(3) गेंदा के पत्तों का रस खुजली,दाद,फोड़ा -फुंसी आदि को दूर करने में बहुत कारगर सिद्ध होता है।
(4) गेंदा के फूलों एवं पत्तियों का अर्क निकाल कर सेवन करने से खून का शुद्धीकरण हो जाता है और फोड़े -फुंसियों का होना ठीक हो जाता है।
(5) ताजे फूलों के रस के सेवन करने से खूनी एवं वादी दोनों प्रकार के बवासीर का नाश हो जाता है।
(6) गेंदा के पत्तों को चबाकर उगल देने से दाँत की समस्या,मसूड़ों की सूजन एवं संक्रमण दूर हो जाता है।
(7) गेंदा के पत्तों को चबाएं और लार को गिरने दें ,ऐसा करने से मुंह के छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।
(8) घाव या सूजन,दर्द पर गेंदा के पत्तियों का रस लगाने और सूती कपड़ों की पट्टी बांधने से बहुत आराम मिलता है।
(9) लिकोरिया,रक्त प्रदर,श्वेत प्रदर,एवं साथ ही बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने पर गेंदा के फूलों का रस एवं पत्तियों का रस निकालकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करने से बहुत फायदा होता है।
(10) खांसी एवं श्वास रोग में गेंदा के फूलों या पंचांग को सुखाकर दो – तीन ग्राम चूर्ण,काली मिर्च,तुलसी पत्र का काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।
(11) गेंदा के फूलों या पंचांग की चाय पीने से सर्दी,खांसी एवं एलर्जी बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
(12) पेट की शुद्धि के लिए गेंदा के पत्तों को सुखाकर या ताजे पत्तों का काढ़ा का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है।
(13) दांतो के सुन्दर एवं चमकीला बनाने के लिए गेंदा के पत्तो का रस ,नमक,सरसों का तेल और हल्दी मिलाकर मंजन करना अत्यंत फायदा करता है।
(14) गेंदा के बीजों के सेवन से डायबिटीज,सुजाक एवं मूत्र रोग में अत्यंत लाभ होता है।
(15) गेंदा के फूलों के रस के सेवन से कान दर्द ,नाक से खून आना,आँखों की बीमारी आदि ठीक हो जाते हैं।

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