हरसिंगार या पारिजात का पेड़

                                                           हरसिंगार या पारिजात का पेड़

हरसिंगार या पारिजात चमत्कारिक आयुर्वेदिक गुणों से संपन्न एक अद्भुत पेड़ है। पारिजात स्वर्ग से पृथ्वी पर आया है,इसका वर्णन धार्मिक ग्रंथों एवं पौराणिक लोक – कथाओं में विशद रूप से मिलता है। वास्तव में हरसिंगार अपने आयुर्वेदिक औषधीय गुणों के कारण अत्यधिक महत्त्व रखता है। इसके सफ़ेद फूलों की सुगंध हर किसी का मन मोह लेती है। हरसिंगार के पेड़ केवल रात में खिलते हैं और प्रातः सभी फूल गिर जाते हैं। इसी कारण पारिजात को रात रानी के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ” निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस ” है। हरसिंगार को कई नामों से भी जाना जाता है जैसे – पारिजात,शेफालिका,शेफाली,दुःखों का पेड़,रात्रि जैसमीन,कोरल,शिउली आदि।

                                                   हरसिंगार या पारिजात के पेड़ के औषधीय गुण एवं प्रयोग

(1) हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से सायटिका के दर्द,किसी तरह की सूजन आदि में अत्यंत लाभ प्रदान करता है।
(2) हरसिंगार के बीजों के सेवन से बवासीर में बहुत लाभ करता है।
(3) हरसिंगार के पंचाग ( छाल,पत्तियां,तना,फूल,टहनियां ) का काढ़ा के सेवन से अर्थराइटिस में अत्यंत कारगर औषधि है।
(4) डायबिटीज के रोगियों के लिए हरसिंगार के पत्तों का रस बहुत आराम प्रदान करता है।
(5) हरसिंगार की 3 ग्राम छाल,2 – 3 पत्तियां,तुलसी की 2 – 3 पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की समस्या का निदान हो जाता है।
(6) हरसिंगार के पत्तों के रस के सेवन से भयंकर बुखार बहुत जल्द ठीक हो जाता है।
(7) हरसिंगार के फूलों को सुखाकर और उसमे 500 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करने से शारीरिक कमजोरी,शरीर को पुष्ट करने में अत्यंत लाभकर सिद्ध होता है।
(8) हरसिंगार के फूलों का रस सिर में लगाने से गंजापन,डैंड्रफ,सफ़ेद बालों का हो जाना आदि में अत्यंत लाभ करता है।
(9) हरसिंगार की छाल एवं पत्तों का काढ़ा के सेवन से गृध्रसी रोग में बहुत फायदा पहुँचाता है।
(10) हरसिंगार के पंचांग का काढ़ा रक्त विकार में बहुत कारगर औषधि है।
(11) हरसिंगार के पत्तों को गरम कर सूजन पर बांधने से दर्द एवं सूजन बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
(12) हरसिंगार की सूखी पत्तियों या छाल के चूर्ण को पान में रखकर या पान के पत्तों के रस के साथ खाने से सूखी खांसी में बहुत लाभ होता है।
(13) हरसिंगार की छाल एवं पत्तियों को पीसकर लेप करने से अस्थिभांग की स्थिति में अत्यंत लाभ करता है।
(14) हरसिंगार के पंचाग के सेवन से गठिया रोग में भी बहुत फायदा होता है।
(15) बच्चों के पेट के कीड़े को समाप्त करने के लिए हरसिंगार के पत्तों के रस की 2 चम्मच की मात्रा का सेवन कराना चाहिए।
(16) हरसिंगार के पंचांग के काढ़ा के सेवन से कफ,बलगम,सर्दी,खांसीएवं जुकाम बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।

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