मालती या मधुमालती का पौधा

                                                                        मालती या मधुमालती का पौधा

मालती या मधुमालती एक लता के रूप में पायी जाने वाली combrelaceae कुल का पौधा है। सम्पूर्ण विश्व में लगभग 180 प्रजातियां पायी जाती है,जिसकी 20 प्रजातियां भारत पायी जाती हैं। मालती के पौधे को लोग अपने घरों के गेट पर सुंदरता के लिए लगाते हैं जो कई मंजिल ऊंचाई तक चली जाती हैं और अपनी फूलों की मनमोहक रूपों से लोगों के साथ – साथ गुंजन पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मालती अपने सौम्यता के लिए जाने वाली एक पुष्पीय पौधा है। मालती के पौधे में बसंत ऋतु में फूलों से लद जातीं हैं और अपनी सुंदरता बिखेरती हैं। मालती का वानस्पतिक नाम combretum indicum है।

                       मालती के पौधे के आयुर्वेदिक गुण एवं उसका औषधीय प्रयोग

(1) मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस के सेवन से पेट के रोग,आँतों की कमजोरी,भूख न लगना आदि दूर हो जाती है।
(2) मालती के पत्तियों,फूलों एवं तुलसी के पत्तों का काढ़ा पीने से सर्दी,खांसी,कफ, जुकाम आदि दूर हो जाती हैं।
(3) मालती के फूलों एवं पत्तियों का काढ़ा पीने से खाना न लगने यानि खाने पर रसों का शरीर में अवशोषण न हो पाना जैसी समस्या होने पर यह अत्यंत कारगर औषधि है।
(4) शारीरिक क्षीणता के लिए मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस में मिश्री मिलकर सेवन करने से अत्यंत लाभप्रद सिध्द होता है।
(5) मालती के फूलों के रस को आँखों के काले घेरे पर लगाने से आँखों का काला घेरा दूर हो जाता है।
(6) मालती के फूलों एवं पत्तियों का काढ़ा पीने से आँतों का घाव दूर हो जाता है।
(7) धातु रोग,प्रमेह रोग में मालती के फूलों एवं पत्तियों का रस तीन से चार ग्राम सेवन करने से अत्यंत लाभप्रद होता है।
(8) हार्मोन्स,मासिक धर्म की परेशानी के लिए मालती के फूलों एवं पत्तियों के रस का सेवन अत्यंत लाभप्रद है।
(9) मधुमेह के रोगी को मालती के फूलों के रस का सेवन अत्यंत फायदा पहुंचाता है।
(10) धातु रोगी एवं हार्मोन्स सम्बन्धी परेशानी के लिए मालती के फूलों के रस का सेवन अत्यंत लाभप्रद है।
(11) ल्यूकोरिया,श्वेत प्रदर चेहरे की झाई आदि के लिए मालती फूलों एवं पत्तियों के रस का सेवन अत्यंत लाभकारी है।
(12) मालती के फूलों एवं पत्तियों के काढ़ा के सेवन से उल्टी,एनीमिया,कैंसर,एड्स,क्षय रोग,खांसी,जुकाम,खुजली,त्वचा विकार,गठिया,चेहरे के दाग – धब्बे,आँखों के काले घेरे,नकसीर,पेट के कीड़े,बवासीर,नपुंसकता,गर्भपात की समस्या,गुर्दे की पथरी,बहरापन,शारीरिक क्षीणता आदि में अत्यंत रामबाण औषधि है।

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