पत्नियों पर विशेष तथ्य
पत्नियाँ पूर्ण हो जाती हैं –
प्रेमिकाओं की तरह अपूर्ण नहीं रहती —
प्रेमिकाएँ – लिखती ही रह जाती है प्रेम की पाती,
पत्नियों की तरह नहीं लिख पाती घर के ख़त्म सामानों की सूचियाँ —
चाँद,सितारे,सावन,मधुमास तक ही सीमित रहती हैं,
दाल,मसाले,ब्रेड – मक्खन तक नहीं सोच पाती —
प्रेमिकाएँ – चॉकलेट के दायरे तक सिमट कर रह जाती हैं,
नहीं बढ़ा पाती अपना दायरा,सास – ससुर,जेठ – जेठानी के बीच —
वेलेंटाइन डे तो याद रखती हैं पर चैत्र,बैशाख,जेठ,आषाढ़ की
तिथियाँ गिनना नहीं जानती —
प्रेमिकाएँ – किताबों में फूल तो रखना जानती हैं पर नहीं लिख पाती
कैलेण्डर पर दूध के खर्चे का हिसाब —
प्रेमिकाएँ – मांगती है झुमकी,पायल,
पत्नियाँ – मांगती है पति की लम्बी आयु —
प्रेमिकाएँ – सहेजती हैं पुराने प्रेमपत्र,
पत्नियाँ – सहेजती हैं शादी की एलबम,जिसमें वो ढूंढती हैं
रिश्ते – नातों के पुराने फोटो,
पत्नियाँ कितनी पूर्ण हो जाती हैं –।।।
पत्नियों पर विशेष तथ्य