सूक्ति सुधा

” संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं होती और
ईमानदारी से बड़ी कोई विरासत नहीं होती। “


” अपेक्षा और उपेक्षा,ये दोनों ऐसी घातक भावनाएं हैं
जो मजबूत से मजबूत संबंधों की जड़ें हिलाकर रख देती है। “


” जिंदगी की हर सुबह
कुछ शर्तें लेकर आती हैं,
और जिंदगी की हर शाम
कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं। “


” अनुभव कहता है कि यदि मेहनत
     आदत बन जाए तो कामयाबी
         मुकद्दर बन जाती है। “


” यदि लक्ष्य ना मिले तो रास्ते
बदलो क्योंकि वृक्ष अपनी पत्तियां
      बदलते हैं जड़ें नहीं। “


” भाग्य बारिश का पानी है
                 और
परिश्रम कुएँ का जल —–। “
बारिश में नहाना आसान तो है,
                लेकिन —-
रोज नहाने के लिए हम बारिश
के सहारे नहीं रह सकते ——। “
इसी प्रकार भाग्य से कभी – कभी
चीजें आसान से मिल जाती है,
किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी
सकते —। “
कर्म ही असली भाग्य है।। “


” तकदीर के खेल से
   नाराज नहीं होते।
    जिंदगी में कभी
    उदास नहीं होते।
   हाथों कि लकीरों पे
   यकीन मत करना।
तकदीर तो उनकी भी होती हैं,
  जिनके हाथ ही नहीं होते। “


” यदि तन और मन में संतुलन है
        तो जीवन में सफलता
           अवश्य मिलेगी,
  हारता वही है जो संतुलन
            खो देता है। “


 

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