मजेदार शायरी

” क्या फर्क पड़ता है बीजेपी जीते या कांग्रेस

वर्तमान की सियासत को देखते हुए एक शेर अर्ज है कि ………….!!!!!

दौर -ए-इलेक्शन में कहाँ कोई इंसान नजर आता है——-!

कोई हिन्दू,कोई दलित तो कोई मुसलमान नजर आता है–!

बीत जाता है,जब इलाकों से इलेक्शन का दौर…………..!!

तब हर इंसान रोटी के लिए परेशान नजर आता है….


” आज के वर्तमान परिदृश्य में यह शायरी अत्यन्त सटीक बैठता है ।

सास – ससुर सर्दी लगे,

बीबी लगे जुकाम…………….!!!!!

साला तो सरदर्द है,

साली राहत बाम——————-!!!!

इन दोनों से बच गए,

कहते जोक स्वामी मिलता बहुत आराम…!!


” एक बार एक सिरफिरा आशिक शराब के नशे में धुत्त होकर
अपने हसीन सपने में डूबा हुआ सोचता जा रहा था और मन में
कुछ गाकर बड़बड़ाता जा रहा था और उस गाने का स्वर था —
” काश मेरी जिंदगी का अंत कुछ इस तरह हो
कि मेरी कब्र पे बना उनका घर हो
वो जब -जब सोये जमीन पर
मेरे सीने से लगा उसका सर हो !”


” एक बार एक गर्मी से बेहाल,परेशान शायर
अप्रेल में ही गर्मी इस कदर पड़ रही है कि
तजुरबा लिखा हुआ भी
तरबूजा दिखाई दे रहा है —-!!


आज समाज में दार्शनिकों ,उपदेशकों की कमी नहीं है !
जिधर देखो उधर ही उपदेश देते भाषण झाड़ते दिख जायेंगे !
एक जगह तो बोलते हुए ऐसे आदमी दिखाई दिए
नाम लेना मैं गुनाह समझता हूँ —!!वो बोल रहे थे —
गर्मी आ गई है भाई —पक्षियों के लिए पानी -वानी रख देना चाहिए —

उनके बारे में मैं क्या कहूं ,फिर भी रहा नहीं जाता है कह देता हूँ —
गर्मी आ गई है जिन्होंने पूरी सर्दी दबा कर मुर्गे खाये वो भी —-
पक्षियों को पानी पिलाने की बात करते ,सलाह देते दिखाई दे रहे हैं –!!


” जिधर भी जाओ —-किस्से हैं
बीबी के—!!
कोई ला के रो रहा है –!!
तो कोई लाने के लिए रो रहा है —!!


” श्री कृष्ण की 1600 रानियाँ थी ,
फिर भी वो अपने दोस्त
सुदामा को नहीं भूले थे ,
र आजकल तो लड़के एक
लड़की क्या पटा ली साले फोन
तक नहीं उठाते —!!


” एक शायर का सोते हुए पेशाब निकल गया ,
बीबी ने पूछा कि ये क्या कर दिया ??
तो शायर ने ये शेर सुनाया कि —-
” नाकामी इश्क का अब इतना असर हुआ ग़ालिब !
आंसू निकल रहे हैं रास्ते बदल-बदल कर !! “


” मोदी के भाषण बंद हैं,
राहुल के इंटरव्यू बंद है,
AAP को कोई थप्पड़ नहीं पड़ रहा है,
IPL भी ख़त्म,वर्ल्ड कप भी ख़त्म,
कोई चुनाव भी नहीं है !
ऐसे थोड़े ही ना देश चलता है !”


हर याद में आपकी
      याद रहती है
    हमारी आँखों में
आपकी तलाश रहती है
कुछ हमारे लिए आप भी
      दुआ करना
सुना है दोस्ती दुआओं में
फरिश्तों की आवाज होती है !!”


     ” गलतियां भी होगी
और गलत भी समझा जायेगा
     यह जिंदगी हैं जनाब
   यहाँ तारीफें भी होगी
   और कोसा भी जायेगा।”


” क्या रखा है अमेरिका और
        जापान में
कुछ दिन तो गुजारिये हमारे
       हिन्दोस्तान में
ना ग्राहक ना धंधा,बस
जलूस,भंडारे और चंदा “


” हर याद में आपकी
याद रहती है
हमारी आँखों में
आपकी तलाश रहती है
कुछ हमारे लिए आप भी
दुआ करना
सुना है दोस्ती कि दुआओं में
फरिश्तों कि आवाज होती है !


” जरुरत से ज्यादा मिले
उसको कहते हैं—–
“नसीब”
सब कुछ हैं फिर भी रोता है
उसको कहते हैं—–
“बदनसीब”
और जिंदगी में थोड़ा काम
पाकर भी हमेशा खुश
रहता है—उसको कहते हैं—–
“खुशनसीब”


” ना आँखों से छलकते हैं,
ना कागज पर उतारते हैं,
कुछ दर्द ऐसे होते हैं,
जो बस अंदर ही अंदर
रहते हैं ——-!!” 


” कुदरत का एक एक उसूल है
जो बांटोगे वही तुम्हारे पास
” बेहिसाब ” होगा,
फिर वो दौलत हो,
इज्जत हो,नफरत हो
या ” मोहब्बत “


” हार क्या सफलता क्या ?
जीत क्या विफलता क्या ?
डूबता अगर सूरज,
फिर नहीं निकलता क्या ?


” हर याद में आपकी
  याद रहती है 

हमारी आँखों में
आपकी तलाश रहती है
कुछ हमारे लिए आप भी
दुआ करना
सुना है दोस्ती कि दुआओं में
फरिश्तों कि आवाज होती है !


” कौन किसके करीब होता है,सब अपना-अपना नसीब होता है।
जब याद करता है कोई दरदे दिल, तब वो उसके कर

“बहुत दिनों के बाद मैं तुम्हें खत लिख रहा हूँ।
याद आ गया,माफ़ करना इतनी लम्बी दूरी को।।


“वक्त गुलशन का पड़ा तो खून से सींचा हमने।
अब बहार आयी तो कहते हो तेरा काम नहीं।।”


“चांदनी रात में बरसात बुरी होती है,
घर में हो अर्थी तो बारात बुरी होती है,
दिल में हो दर्द तो हर बात बुरी होती है ।”


“मैंने तो यूँ ही रेत पे फेरी थी ऊंगलियां।
देखा जो गौर से तेरी तस्वीर बन गई।।”


“यूँ ही जिंदगी गुजार रहा हूँ तेरे बगैर ।
जैसे कोई गुनाह किये जा रहा हूँ मैं।।”


” नजर में तुम,जिगर में तुम,
मेरी साँस मेरी हर धड़कन में तुम,
तुम्हारे बिना कुछ नहीं हूँ मैं,
मेरी जिंदगी बन गए हो तुम।”


” दिल से कौन बुरा होता है,जो मैं तुम्हें बुरा कहूं,
बस ये तो हालत होते हैं,जो इंसां को बुरा बनने,
पर मजबूर कर देता है । “


“मुहब्बत फेर ले आँखें ये सदमा कम नहीं होता ।
बहार आकर चली जाये तो किसको गम नहीं होता।।”


“सुबह होते ही बुलबुल ने नए खिले हुए फूलों से कहा,
नाज काम कर इस बाग़ में, तुझ जैसे बहुत खिल चुके हैं।
फूल हंस कर बोला,मैं सच्ची बात पर रंज नहीं करता,
मगर बात यह है कि कोई आशिक अपने माशूक से,
सख्त बात नहीं कहा करता ।।


” खत लिखूं तो क्या लिखूं,मिलान नहीं तो कुछ नहीं।
ख़ाक ऐसी जिंदगी,तू कहीं और मैं कहीं ।।”


“दिल को तेरी ही तमन्ना,दिल को तुमसे ही प्यार।
चाहे तू आये या ना आये,हम करेंगे तेरा इन्तजार।।”


जो सफर की शुरुआत करते हैं,वे मंजिल भी पा लेते हैं।
बस, एक बार चलने का हौसला रखना जरुरी है।
क्योंकि,अच्छे इंसानों का तो रस्ते भी इन्तजार करते हैं।


वो चीख रहा था बेसुरे सुर में,हमारे मुंह से कोई टोन न निकला |
वो आई लव यू बोल बोल के थक गया , हमारे कान से मगर इयर फोन न निकला !!


कभी कभी उदासी की आग है जिंदगी,
कभी कभी खुशियों का बाग़ है जिंदगी,
हँसता और रुलाता राग है जिंदगी,
कड़वे और मीठे अनुभवों का स्वाद है जिंदगी,
पर अंत में तो अपने किये हुए कर्मों का
हिसाब है जिंदगी –!!


“वक्त गुलशन का पड़ा तो खून से सींचा हमने।
अब बहार आयी तो कहते हो तेरा काम नहीं।।”


“चांदनी रात में बरसात बुरी होती है ।
घर में अर्थी तो बरात बुरी होती है।
दिल में हो दर्द तो हर बात बुरी होती है।।”


“मैंने तो यूँ ही रेत पे फेरी थी ऊंगलियां।
देखा जो गौर से तेरी तस्वीर बन गई ।।”


” यूँ जिंदगी गुजार रहा हूँ तेरे बगैर।
जैसे कोई गुनाह किये जा रहा हूँ मैं।।”


” नजर में तुम,जिगर में तुम
मेरी साँस मेरी हर धड़कन में तुम,
तुम्हारे बिना कुछ नहीं हूँ मैं,
मेरी जिंदगी बन गए हो तुम।।”


” दिल से कौन बुरा होता है,जो मैं तुम्हें बुरा कहूं ।
बस ये तो हालात होते हैं,जो इंसां को बुरा बनने पर
मजबूर कर देता है।।”


” मुहब्बत फेर ले आँखें,ये सदमा कम नहीं होता।
बहार आकर चली जाये,तो किसको गम नहीं होता ।।”


” सुबह होते ही बुलबुल ने नए खिले हुए फूलों से कहा –
” नाज कम कर इस बाग़ में तुझ जैसे बहुत खिल चुके हैं ।
फूल हंसकर बोला, मैं सच्ची बात पर रंज नहीं करता,
मगर बात यह है कि कोई आशिक अपने माशूक से
सख्त बात नहीं करता ।।”


” खत लिखूं तो क्या लिखूं, मिलन नहीं तो कुछ नहीं ।
       खाक ऐसी जिंदगी,तू कहीं और मैं कहीं ।।”


” जलते हुए बल्ब को fuse न करो।
आये हुए लव को refuse न करो।।”


” न जाने क्यों तुमने,हमारे दिल को दिल न समझा ।
ये शीशा तोड़ डाला,प्यार के काबिल न समझा।।”


” दिल को तेरी ही तमन्ना,दिल को तुमसे ही प्यार।
चाहे तू आये या ना आये,हम करेंगे तेरा इन्तजार।।”


” इश्क करता तो वफ़ा आप हमारे होते।
हम भी औरों की तरह आप के प्यारे होते ।।”


” ख़ुशी तो मिल न सकी,दर -व दर हम फिरते रहे ।
गम के जख्म कुछ इस दिल पर जरूर हो गए।।
ये मजबूरियां थी अपनी या था वक्त का कसूर।
बस दोनों एक दूसरे से दूर हो गए।।”


” आती हो याद बार-बार कैसे तुझे भुलाएं हम।
जिन दिल में तेरी याद न हो उस दिल को कहाँ से लाएं हम।।”


” ऐ खुदा तेरे दर पे हम फरियाद करते हैं।
उन्हें गम मत देना जिन्हें हम याद करते हैं।।”


” ये खत खता न करना जाकर उनके क़दमों में गिरना।
पूछे जो मेरा हाल झुककर सलाम करना।।”


” तुम जो चाहते तो हालत बदल जाते।
तुम तो ठहरे रहे एक झील की तरह,
नदियां होतीं तो बहुत दूर निकल जाते।।”


” महकती रहे जिंदगी तुम्हारी, खिला रहे गुलाब सा मन।
कभी न छाये गम का अँधेरा, बरसता ही रहे हर्ष का सावन।।”


” आप पूंछे मैं बताऊँ नहीं,ऐसे तो कोई हालत नहीं।
एक जरा सा तो तो दिल टूटा है,और तो कोई बात नहीं।।”


” अपनापन एक छलावा है,अपने मतलब से लोग जीते हैं।
भूर चादर है फटी -पुरानी सी,जिसे लोग आंसू से सीते हैं।।”


” तुम जो नहीं जिंदगी में और क्या रह जाएगा।
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा।।”


” मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं।
हाय मौसम की तरह दोस्त भी बदल जाते हैं।।”


” आँखों से मेरे अश्क़ बहा करते हैं दर्द,
दर्द मेरी जिंदगी के दिल में रहा करते हैं।
सीने में चुभे काँटों को सीने में दबा लेते हैं हम,
अफ़साने मेरी जिंदगी के उनमें भी घुटा करते हैं।।”


” कभी ले लिया सबे गम का सहारा,
कभी रो दिए नाम लेकर तुम्हारा।
कभी राहों में हमने सजदे बिछा
मगर आने वाले तुम फिर भी न आए।।”


” जलते हुए बल्ब को fuse न करो।
आये हुए लव को refuse न करो।।”


” न जाने क्यों तुमने,हमारे दिल को दिल न समझा ।
ये शीशा तोड़ डाला,प्यार के काबिल न समझा।।”


” दिल को तेरी ही तमन्ना,दिल को तुमसे ही प्यार।
चाहे तू आये या ना आये,हम करेंगे तेरा इन्तजार।।”


” इश्क करता तो वफ़ा आप हमारे होते।
हम भी औरों की तरह आप के प्यारे होते ।।”


” ख़ुशी तो मिल न सकी,दर -व दर हम फिरते रहे ।
गम के जख्म कुछ इस दिल पर जरूर हो गए।।
ये मजबूरियां थी अपनी या था वक्त का कसूर।
बस दोनों एक दूसरे से दूर हो गए।।”


” आती हो याद बार-बार कैसे तुझे भुलाएं हम।
जिन दिल में तेरी याद न हो उस दिल को कहाँ से लाएं हम।।”


” ऐ खुदा तेरे दर पे हम फरियाद करते हैं।
उन्हें गम मत देना जिन्हें हम याद करते हैं।।”


” ये खत खता न करना जाकर उनके क़दमों में गिरना।
पूछे जो मेरा हाल झुककर सलाम करना।।”


” तुम जो चाहते तो हालत बदल जाते।
तुम तो ठहरे रहे एक झील की तरह,
नदियां होतीं तो बहुत दूर निकल जाते।।”


” महकती रहे जिंदगी तुम्हारी, खिला रहे गुलाब सा मन।
कभी न छाये गम का अँधेरा, बरसता ही रहे हर्ष का सावन।।”


” आप पूंछे मैं बताऊँ नहीं,ऐसे तो कोई हालत नहीं।
एक जरा सा तो तो दिल टूटा है,और तो कोई बात नहीं।।”


” अपनापन एक छलावा है,अपने मतलब से लोग जीते हैं।
भूर चादर है फटी -पुरानी सी,जिसे लोग आंसू से सीते हैं।।”


” तुम जो नहीं जिंदगी में और क्या रह जाएगा।
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा।।”


” मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं।
हाय मौसम की तरह दोस्त भी बदल जाते हैं।।”


” आँखों से मेरे अश्क़ बहा करते हैं दर्द,
दर्द मेरी जिंदगी के दिल में रहा करते हैं।
सीने में चुभे काँटों को सीने में दबा लेते हैं हम,
अफ़साने मेरी जिंदगी के उनमें भी घुटा करते हैं।।”


” कभी ले लिया सबे गम का सहारा,
कभी रो दिए नाम लेकर तुम्हारा।
कभी राहों में हमने सजदे बिछाए,
मगर आने वाले तुम फिर भी न आये।।”


” रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से छोड़ के जाने के लिए आ।
किस-किस से कहेंगे जुदाई का सबब हम,
तुम मुझसे खफा है तो ज़माने के आ।।”


” कभी याद करना कभी याद आना।
बस इतनी दुआ है कि मुझे भूल न जाना।।”


” हमसे मुहब्बत की नुमाईश न हो।
बस इतना जानते हैं कि तुझे चाहते थे हम।।”


” वक्त कैसा भी हो बदल जाता है,
सपना कैसा भी हो बिखर जाता है।
तू भी बदल गए साथी,
वक्त के साथ इंसान बदल जाता है।।”


” दिल बदलते ही जज्बात बदल जाते हैं,
वक्त के साथ खयालात बदल जाते हैं।
एक नजर तुम्हें तकलीफ तो हो शायद,
मगर एक मासूम कि हालत बदल जाते हैं।।”


” मुझे सहल हो गई नई मंजिलें,
हवा के रुख भी बदल गए।
तेरा हाथ हाथ में आ गया,
कि चराग रह में जल गए ।।”


” ये खुदा तूने तो सब कुछ दिया।
किसको क्या मिला यह मुकद्दर कि बात है।।”


” और हमें कुछ न चाहिए दिलकशी के लिए।
  बस तुम्हारा प्यार है काफी जिंदगी के लिए।।”


” कैसा जादू चला दिया तुमने,
    पागल बना दिया मुझको।
  मेरे मन में कोई बात नहीं थी,
किसलिए मुस्कुरा दिया तुमने।।”


” सब कुछ पूछिए ये हकीकत न पूछिए।
  हमें आपसे क्यों है मुहब्बत ये न पूछिए।”


” गर वफ़ा का शर्त है तो तुझपे यह लाजिम है,
 कि हमारे साथ मुहब्बत का हक़ अदा कर दे।
     तेरे आँखों में जितने हैं दर्द के आंसू,
   खुदा के वास्ते मुझपे उन्हें फ़िदा कर दे।।”


” एक तेरी याद है,कोई हमदर्द नहीं कोई ग़मख़ार नहीं,
गम का मजहब नहीं मेरे माहौल में कोई हंसी चाल नहीं।
कोई धोखा,कोई भुलावा नहीं,ये दुनियां मेरे वहसत कि,
   तमाशाई है हम जहाँ हैं,तेरी याद है तेरी तन्हाई है।।”


” मैं तुझे याचना से नहीं पौरुष से पाऊंगा।
मेरा इन्तजार करना मैं तुझे लेने जरूर आऊंगा।।”


” मुहब्बत रंग लाएगी जब ये दिल से दिल मिलेगा।
मगर मुश्किल तो ये है कि तुम्हारा पता कैसे मिलेगा।।”


” रहेगा साथ तेरा प्यार जिंदगी बनकर।
ये और बात है कि मेरी जिंदगी वफ़ा न करे।।”


” थामना चाहा था आँचल तेरा,लेकिन वाम से दूर था।
कोशिशें तो की बहुत मगर,शायद किस्मत को यही मंजूर था।।”


” करके बादलों को पंखों पे सवार मैं तुझको सलाम भेजता हूँ।
इन हवाओं और फिजाओं का सहारा लेकर दिल का पैगाम भेजता हूँ।।”


” क्यों जुदाई के शिकवे करते हो,क्यों दर्द का रोना रोता है।
इश्क किया है तो सब्र भी करो,इसमें यही कुछ होता है।।”


” चाँद तारे झुके तेरे क़दमों में,फूलों की तरह मुस्कुराती रहो।
मैं मिलूं या न मिलूं फिर भी मेरी दुआ,जिंदगी भर तुम्हें काम आती रहे।।”


” मुहब्बत ये अंदाज सुबह – शाम रहे।
बिछुड़ भी जाएँ तो क्या दुआ सलाम रहे।।”


” जो लम्हें गुजर जाते हैं उन्हें पाना है मुश्किल,
मगर ये सच है हम तुमसे जुदा हो ही नहीं सकते।
तुम्हें अलविदा हाफिज खुदा कहते हैं,
लेकिन तुम्हारी याद से गाफिल हो ही नहीं सकते।।”


” उनका जीना क्या जीना,जो पने लिए जीते हैं।
वास्तव में जो दूसरों के लिए जीते हैं ,उन्हीं का जीना जीना है।।”


” ग़मों की आंच में आंसू उबाल कर देखो,
बनेंगे रंग किसी पे डाल के देखो।
तुम्हारे दिल का लुफ्त भी काम होगा,
दर्द कम होगा,किसी के पांव का कांटा निकल कर देखो।।”


” तुम सहारा दो बेसहारों को,
तुम्हें सहारा अपने आप मिल जायेगा।
डूबती हुई किश्ती को बचाने वाला,
तुम्हें किनारा अपने आप मिल जायेगा।।”


” इस दिल को तेरी आहट की आस रहती है,
निगाहों को तेरी सूरत की प्यास रहती है,
तुम बिन किसी चीज की कमी तो नहीं,
फिर भी तेरे बिन जिंदगी उदास रहती है!!”


” इस महफ़िल की महक कैसी,शायद कोई गुलाब लाया है।
मैं इस महफ़िल में इसलिए आया हूँ,शायद ——-ने बुलाया है।।”


” क्या पता मौत का कब पैगाम आ जाए,
जिंदगी की आखिरी साँस कब आ जाए।
मैं तो तलाश करता हूँ ऐसे मौके का दोस्त कि,
मेरी जिंदगी भी किसी के काम आ जाए।।”


” बुलंद वायदों की बस्तियां लेकर हम क्या करेंगे।
मुझे मेरी ज़मीं दे दो,आसमाँ लेकर हम क्या करेंगे।।”


” कुछ आप अपनी ज़मीं तलाश करना,
कुछ राह हम दिखा देंगे।
फिर क्या ये ज़मीं भी अपनी होगी,
और ये आसमाँ भी अपना होगा।।”


” बाएं पे सावन की घटा छायी है,
गालों की लाली भी गजब रंग ढाई है।
कुदरत ने बनाया था तुझे आसमाँ के लिए,
   भूल से तू ज़मीं पर उतर आई है।।”


” दोस्तों रहने दो दस्तूर निभाते क्यों हो।
दिल तो मिलता नहीं हाथ मिलाते क्यों हो।।”


” ज़मीं की मिटटी भी न देख पाऊँ,
मुझे आसमाँ के इतने सितारे न दो।
ज़मीं पर पांव रख कर अकेले चल न सकूं,
मुझे कदम -कदम पर इतने सहारे न दो।।”


” रुठ कर बैठ गए हमको मनाने वाले,
राह खुद भूल गए राह दिखने वाले।
उनकी जिंदगी में हमेशा छाई रहे शाम,
यही दुआ करते हैं हम अश्क बहाने वाले।।”


” एक शाम चिरागों से हमने भी सजा रखी है।
शर्त लोगों ने भी हवाओं से लगा रखी है।।”


” करें तो आखिर किसपे भरोसा,
सबकी फिदरत में धोखा देखा।
   आँखों का भी क्या भरोसा,
    दर्द मिला तो रोते देखा।।”


” मुझको आएगा इक रोज मनाने वाला,
इतना जालिम तो नहीं रुठ के जाने वाला।
आज के दौर में उम्मीदें वफ़ा किससे करे,
  खुद धूप में बैठा है पेड़ लगाने वाला।।”


” इस भीड़ भरी दुनियां में हम अकेले हैं ।”
गर साथ हो तुम तो मेले ही मेले हैं।”
———————————————————
” मरीज -ऐ – इश्क़ हुए हम इस क़दर,
कि वही है मेरे वैद्य और
निग़ाहें उनकी मेरा मरहम —!”
—————————————————-
” बड़ी अज़ीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी
पहले पागल किया फिर पागल कहा और
फिर पागल समझ के छोड़ दिया —।


” खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो ।
सहारे कितने भी सच्चे हों, एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं। “


” कह दो अंधेरों से कहीं और घर बना ले ।
मेरे देश में रौशनी का सैलाब आया है।”


” घर की दीवार में खुद तूने किया था सुराख़।”
अब कोई झांक रहा है तो शिकायत कैसी ? “


” तौहीन ना कर शराब को कड़वा कह कर।
जिंदगी के तजुर्बे शराब से भी कड़वे होते हैं।।”


” मेरे अश्क तेरी बेरुखी का एहसास है।
तेरी याद में ये फिर बेगाने हो चले ।।”


” किसी शायर ने कहा है कि
मोहब्बत न करना,लेकिन हो जाये तो इंकार भी ना करना।
निभा सको तो ही मोहब्बत करना,वरना किसी की जिंदगी बर्बाद ना करना।। “


” न रोया कर सारी – सारी रात,किसी बेवफा की याद में ,
वो खुश है अपनी दुनियां में ,तेरी दुनियां को उजाड़ कर,
चलो इन हालातों को हराते हैं ,मुकम्मल ना सही जिंदगी पर मुस्कुराते हैं।। “


” इश्क किया था हमने भी,हम भी रातों को जागे थे।
     था कोई जिसके पीछे हम,नंगे पाँव भागे थे।। “


             ” वक्त सही रहा तो उसे उसकी औकात दिखाएंगे।
और ये हर खूबसूरत जिस्म पर मरने वाले हमें क्या इश्क सिखाएंगे।। “


” हम कहाँ के धुले – धुलाये थे, है गलत उसको बेवफा कहना।
   आज काँटों भरा मुकद्दर है,हमने गुल भी बहुत खिलाये थे।। “


” तारीफ अपने आप की करना फिजूल है।
खुशबू खुद बता देती है कौन सा फूल है –।। “


      ” हो सके तो हमसे परहेज किया कीजिये ।
लत लग गयी तो हमारे सिवा कहीं सुकून ना मिलेगा –।। “

 

 

 

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