एक बार पढ़ा लिखा बेरोजगार भक्त निर्मल के दरबार में पहुंचा –
भक्त :- बाबा पढ़ा लिखा हूँ ,पर नौकरी नहीं मिल रही है ,क्या करूँ ?
निर्मल बाबा :- कहाँ तक पढ़े हो –?
भक्त :- बाबा मैंने B A किया है !
निर्मल बाबा :- एक बार और B A कर ले ,
BABA बन जाओगे ,
नौकरी की जरुरत ही नहीं पड़ेगी !!
एक बार हरियाणा में बाबा परेशान –!
उन्हें कोई जिसे प्रवचन सुना सके ,
मिला नहीं ! सुबह से शाम होने को आयी –!!
तभी उन्हें एक लड़का हाथ में दीपक लिए हुए ,
आता दिखाई दिया –! बाबा ने सोचा मिल गया–
मौका— ! उसे प्रश्न पूछूंगा और उत्तर देते ही —
प्रवचन चालू —-!! लड़का के पास आते ही –
बाबा :- बालक ! ये तो बता –कि दीपक की ये —
ज्योति कहाँ से आ रही है ———??
बालक ( लड़का ठहरा हरियाणे का ):- बाबा का उत्तर दिए बिना —!
दीये को मारी फूँक—!! और प्रश्न दाग दिया —!
बाबा आप पहले ये तो बताओ कि ये ज्योति आ रही है कहाँ से ?
( बाबा निरुत्तर )
निर्मल बाबा का प्रवचन —
गृहस्थ जीवन में पति-पत्नी साईकिल
के दो पहिये के समान होते हैं !
तभी एक आदमी खड़ा हो के बोला-
बाबा जी मेरी प्रेमिका भी है तो क्या
मेरी गृहथी ऑटो रिक्शा कहलाएगी–??
बाबा जी ने प्रवचन छोड़ के आशाराम
से मिलने गुजरात गए हुए हैं !!