**प्रगति चाहते हैं तो अतीत से सीखें,
वर्तमान का सदुपयोग करें और
भविष्य के प्रति आशा रखें **
क्योंकि कहा गया है –
“शांति नहीं तब तक जब तक,सुख-भाग न नर का सम हो।
नहीं किसी को बहुत अधिक हो,नहीं किसी को कम हो।।”
**जिसकी हम चाह करते हैं,
जिसकी सिद्धि के लिए सम्पूर्ण
अंतःकरण से अभिलाषा करते हैं,
उसकी हमें अवश्य ही प्राप्ति होगी।**
**विजय ध्येय की प्राप्ति में नहीं बल्कि उसको पाने के लिए निरंतर प्रयास करने में है।**
“असफलता से प्रेरणा लेने के बाद शायद आपको थोड़ी विचित्र लगे,किन्तु ऐसा भी संभव है। “
(1) असफलता का अर्थ यह नहीं कि आपने कुछ प्राप्त नहीं किया ———-इसका अर्थ है आपने कुछ सीखा है।
(2) असफलता का अर्थ यह नहीं कि आप अपमानित हुए हैं——–इसका अर्थ है कि आप में प्रयास करने की इच्छा थी।
(3) असफलता का अर्थ यह नहीं कि आप हीन हो गए हैं ———इसका और भी अर्थ है कि आप ने अभी पूरी निपुणता प्राप्त नहीं की है।
(4) असफलता का अर्थ यह नहीं कि आप को मैदान छोड़ देना चाहिए ——-इसका अर्थ है आपको अधिक परिश्रम की आवश्यकता है।