सांसद आदर्श ग्राम योजना :- सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 11 अक्टूबर 2014 को प्रारम्भ की गई थी,जिसका उद्देश्य गांवों और वहां के लोगों का विकास करना है।इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव को गोद लेकर वहां के लोगों में उन मूल्यों को स्थापित करना है,जिससे वे स्वयं के जीवन में सुधार कर दूसरों के लिए एक आदर्श गांव बन सके।इसके साथ ही उनका अनुकरण कर दूसरे लोग स्वयं को उनके अनुसार अपने को बना सके।
सांसद आदर्श ग्राम योजना की मान्यताएं :-
* लोगों की भागीदारी स्वीकार करना,जिससे समस्याओं का अपने आप में समाधान।
* अन्तोदय का पालन कर गांव के सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्यक्ति को अच्छी तरह जीवन जीने के लिए सक्षम बनायें।
* लैंगिक रूप से समाज में समानता और महिलाओं के लिए सम्मान सुनिश्चित करना।
* श्रम की महत्ता एवं सामुदायिक सेवा एवं स्वैच्छिक भावना को विकसित करना।
* सफाई की संस्कृति को बढ़ावा देना।
* स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं प्रोत्साहन।
* आपसी सहयोग,स्वयं सहायता एवं आत्मनिर्भरता का निरंतर विकास।
* स्थानीय स्वशासन की भावना विकसित करना।
* ग्रामीण समुदाय में शांति और सद्भाव को बढ़ावा ।
* भारतीय संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्त्तव्यों में प्रतिष्ठापित मूल्यों का पालन करना।
उद्देश्य :-
(1) पहचान की गई ग्राम पंचायतों के समग्र विकास के लिए नेतृत्त्व की प्रक्रियाओं को गति देना।
(2) जनसँख्या के सभी वर्गों के जीवन की गुणवत्ता के स्तर में सुधार निम्न माध्यमों से करना –
* बुनियादी सुविधाएँ में सुधार ।
* उच्च उत्पादकता।
* मानव विकास में गति प्रदान करना ।
* आजीविका के बेहतर अवसर ।
* असमानता को कम करना।
* अधिकारों और हक़ की प्राप्ति।
* व्यापक सामाजिक गतिशीलता ।
* समृद्ध सामाजिक पूंजी।
(3) स्थानीय स्तर के विकास और प्रभावी स्थानीय शासन के मॉडल इस प्रकार बनाना,जिससे आस – पड़ोस की पंचायतें प्रेरित और प्रोत्साहित होकर उन मॉडल को सीखने और अपनाने के किये तैयार हों।
(4) चिन्हित आदर्श ग्राम को स्थानीय विकास के ऐसे केंद्र के रूप में विकसित करना जो अन्य ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षित कर सकें।