मातृ दिवस पर विशेष कविता
परिवार का दर्पण है माँ,
त्याग और समर्पण है माँ,
प्रेम स्नेह की सुखद छाँव,
ममता का अर्पण है माँ।
प्रेम की ठंडी छाँव है माँ,
छलकता मातृत्व भाव है माँ,
करती पूरी सब अभिलाषा,
हरती हर एक अभाव है माँ।
कुटुंब की शान है माँ,
गृहस्थी का ज्ञान है माँ,
परिवार की आधारशिला,
रिश्तों की पहचान है माँ।
एक मीठा ख़्वाब है माँ,
अनुभवों की किताब है माँ,
सब हल कर देती चुटकी में
हर मुश्किल का जवाब है माँ।
प्यार की पराकाष्ठा है माँ,
समर्पण की पराकाष्ठा है माँ,
कितनी भी विपत्ति आ जाए,
सबको हंसकर सह लेती है माँ,
वास्तव में ईश्वर का ही रूप है माँ।।