मेथी का पौधा

मेथी एक अत्यंत गुणकारी शाकीय पौधा के साथ – साथ आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है। आयुर्वेद जगत में मेथी का एक विशेष स्थान है और औषधीय गुणों के कारण अति महत्त्वपूर्ण योगदान है। वैसे तो भारतीय रसोई में मेथी एक मसाले के रूप में प्रयोग होने वाला एक प्रमुख घटक है;किन्तु मेथी की ताजी पत्तियों का पराठा,सब्जी,करी आदि के रूप में प्रयोग अधिकतर होता है। मेथी के पौधे की ऊंचाई एक फुट की ऊंचाई वाला होता है किन्तु अपने औषधीय गुणों से अपना स्थान अत्यंत ऊँचा रखता है। खासकर सर्दी के दिनों में भारतीय समाज में मेथी ज्यादातर प्रयुक्त होने वाला पौधा है। मेथी का वानस्पतिक नाम ” ट्रिगोनेला फोएनम ग्रेशम ” है। संस्कृत में मेथी को बहुपर्णी के नाम से जाना जाता है। वास्तव में मेथी में फोलिक एसिड,मैग्नेशियम,सोडियम,कॉपर,लोहा एवं प्रोटीन आदि पोषक तत्त्वों की प्रचुरता होती है।

                                              मेथी के पौधे के औषधीय गुण एवं उसके प्रयोग

(1) मेथी दाने को पीसकर बालों में लगाने से बालों की रुसी,खुश्की आदि ठीक हो जाता है।
(2) बलगम अधिक बन जाने की स्थिति में मेथी दाने को पीसकर आटे में मिलाकर रोटी के सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
(3) जोड़ों एवं घुटनों के दर्द,सूजन में मेथी को स्टीम से आधा पकाकर सूजन एवं दर्द वाली जगह पर बांधने से अत्यंत फायदा होता है।
(4) मेथी दाना के चूर्ण के नियमित सुबह- शाम सेवन करने से जोड़ों का दर्द, सूजन,कमर दर्द,लकवा आदि में आश्चर्यजनक लाभ होता है।
(5) मेथी दाने को पीसकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन शांत एवं जलने के निशान और जख्म जल्दी भर जाते हैं।
(6) मेथी शरीर में होने वाली जलन को दूर करने में अत्यंत कारगर औषधि है।
(7) मेथी दाने को पीसकर सूजन या दर्द पर पर लगाने से बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
(8) मेथी दाना दो चम्मच एक गिलास पानी में भिंगो कर उबालें और पानी जब एक चौथाई शेष रहे तो छानकर उसमें दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से अत्यंत शक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है।
(9) वायु विकार में मेथी को उबालकर पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है।
(10) पेठे की सब्जी वायु वर्धक होने के कारण उसे मेथी के छौंक लगाकर सेवन करना बहुत लाभदायक होता है।
(11) रात में 4 – 5 ग्राम मेथी दाने को भिंगो कर सुबह मेथी दाने को चबाकर खाने एवं उस पानी को पीने से डायबिटीज,अर्थराइटिस एवं सूजन,दर्द आदि ठीक हो जाता है।
(12) मेथी दाना को उबालकर पीने से मासिक धर्म खुलकर आता है और कमर दर्द,पेडू का दर्द,चिड़चिड़ापन आदि दूर हो जाता है।
(13) मेथी के लड्डू खाने से श्वेत प्रदर एवं गर्भाशय की गंदगी दूर हो जाती है।
(14) मेथी एवं अजवाइन का काढ़ा पीने से गर्भाशय की विकृति बच्चा होने की बाद वाली ठीक हो जाती है।
(15) सायटिका,अर्थराइटिस,सूजन,दर्द आदि में हल्दी,सोंठ,मेथी समान भाग लेकर चूर्ण बनाकर सुबह – शाम सेवन करने से ठीक हो जाता है।
(16) सर्दी-जुकाम में मेथी को अंकुरित करके सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है।
(17) मेथी को हल्का भूनकर पीस लें और उसे दूध के साथ एक चम्मच सुबह – शाम सेवन करने से उदर में गैस बनना बंद हो जाता है।
(18) सिरदर्द में मेथी दाना को भिंगो कर खाने से बहुत लाभ मिलता है।
(19) मेथी दाना को दूध में उबालकर सेवन करने से बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
(20) मेथी दाना को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्त्रियों के स्तनों में उभार लाकर पूर्ण विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होने वाला योग है।
(21) मेथी दाना के चूर्ण को गर्म दूध के साथ नियमित रूप से लेने से मर्दाना ताकत,सेक्स के दौरान की कमजोरी,शीघ्रपतन,नामर्दी,प्रमेह आदि में अत्यंत लाभप्रद होता है।
(22) मेथी दाना,अजवाइन,सोंफ को हल्का भूनकर एवं सोंठ काला नमक आदि मिलाकर चूर्ण बनाकर नियमित सेवन करने से उदर सम्बन्धी दोष जैसे – मंदाग्नि ,गैस बनना,अरुचि,अपच,भूख कम लगना,पेट में भारीपन रहना,कब्ज आदि के लिए उत्तम योग है।

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